Friday 17 August 2018

"एक आवाज़"

एक राज़ हूँ ,
क़लम से राज़ लिखता हूँ।
बिखरा हूँ,टूटा हूँ
पर इश्क़ की आवाज़ लिखता हूँ..।

No comments:

Post a Comment

"अल्लाह और राम"

कलयुग में भी मैंने भगवान देखा है