जो कुछ बूंदें छू के बह जाती है आंखों से,
तो लगता है तुम हो,
जो वक़्त पुरानी बदल जाती है यादों में,
तो लगता है तुम हो,
जो कह जाता हूँ लफ्ज़ हज़ारों नजरों से,
तो लगता है तुम हो,
जो बीत जाता हूँ ,सदियाँ बन लम्हों में,
तो लगता है तुम हो.।।
Friday 17 August 2018
"क्या तुम हो"
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#तुम...
Hi..I'm Ayansh ...Welcome ..waiting for something Which is definite to be happen.����🙏🔘
..
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"अल्लाह और राम"
कलयुग में भी मैंने भगवान देखा है
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आँखे जो निहारती थी कभी पूरे महकमे में हमें, शहरी धुंध में कहीं खो गई है, शहर से खरीद कर चुटकी भर नींद हमे ज़िंदा ऱख,खुद सो गई है ।।
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जो कुछ बूंदें छू के बह जाती है आंखों से, तो लगता है तुम हो, जो वक़्त पुरानी बदल जाती है यादों में, तो लगता है तुम हो, जो कह जाता हूँ लफ्...
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