कलयुग में भी मैंने भगवान देखा है
Saturday, 18 August 2018
"अल्लाह और राम"
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#अटल जी #क़लाम

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आँखे जो निहारती थी कभी पूरे महकमे में हमें, शहरी धुंध में कहीं खो गई है, शहर से खरीद कर चुटकी भर नींद हमे ज़िंदा ऱख,खुद सो गई है ।।
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ऐ खुदा एक आख़िरी जान देदे मुझमे, इस बार उसे सब कुछ बताऊंगा, हाथ उसका दिल पर रख के, बेजाँ धड़कन सुनाऊंगा..। आंखों में डूब के उसके, इश्क़ मे...
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